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An Overview of Department

English version

राजस्थान राज्य में  महाविद्यालय कॉलेज शिक्षा विभाग की स्थापना 1958 में महाविद्यालय शिक्षा एवं प्रशासन के विकास हेतु की गई। वर्ष 1958 में सिर्फ 40 महाविद्यालय इसके अन्तर्गत थे जिनमें 24 राजकीय 13 अनुदानित 3 गैर अनुदानित थे। निदेशालय कॉलेज शिक्षा, जयपुर के माध्यम से राज्य में कॉलेज शिक्षा का प्रबन्धन किया जाता है।

विभाग राज्य में उच्च शिक्षा के गुणात्मक व संख्यात्मक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

 

विभाग के महत्वपूर्ण कार्य

 

1     राजकीय महाविद्यालयों का संचालन ।

2     राजकीय क्षेत्र में नये महाविद्यालय खोलना। 

3     अनुदानित संस्थानों को अनुदान प्रदान करना।

4     निजी महाविद्यालयों को स्थाई व अस्थाई अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करना।

5     विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का वितरण करना। 

6     राज्य में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को सुनिश्चित करना।

 

निदेशालय द्वारा राजकीय महाविद्यालयों को बजट वितरण एवं इसके नियन्त्रण, सेवा सम्बन्धी कार्य किये जाते हैं।  इसके अतिरिक्त वित्‍तीय वर्ष 2011-12 तक 71# गैर राजकीय महाविद्यालय को अनुदान देने का कार्य भी किया जाता रहा है।

निदेशालय महाविद्यालयों के विकास सम्बन्धी कार्यों के लिए यू.जी.सी. से अनुदान दिलवाने एवं विभिन्न कार्यक्रमों के लिए जैसे राष्ट्रीय सेवा योजना, स्काउट, युवा विकास कार्यक्रम इत्यादि के संचालन में मदद करता है। अकादमिक, कान्फ्रेंस एवं सेमीनार आदि के आयोजन हेतु भी अनुमति एवं अनुदान दिलवाता है। राज्य में संचालित होने वाली पुनश्चर्या कार्यक्रम एवं अन्य अकादमिक कार्यक्रमों हेतु व्याख्याताओं के नामांकन करने का कार्य भी आयुक्तालय द्वारा किया जाता है। 

निदेशालय 6 सम्बद्धक विश्वविद्यालयों से सम्बद्ध निजी महाविद्यालयों व राजकीय महाविद्यालयों का नियमन-प्रबन्धन करता है।

  सत्र 2010-11 में अनुदानित संस्था नेहरू मेमोरियल कॉलेज, हनुमानगढ़ को सशर्त राज्याधीन लेने के आदेश जारी किए गए

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संगठनात्मक संरचना

निदेशालय कॉलेज शिक्षा सचिवालय के स्तर के प्रमुख शासन सचिव, उपशासन सचिव व सहायक सचिव और ओ एस डी के द्वारा नियन्त्रित किया जाता है।

निदेशालय कॉलेज शिक्षा का मुख्य अधिकारी निदेशक स्तर (आई. ए. एस.) होता है। विभाग में  एक अतिरिक्‍त निदेशक (आर. ए. एस.), 4 संयुक्त निदेशक (स्नातकोत्तर प्राचार्य), 3 उपनिदेशक (स्नातक प्राचार्य), व 11 सहायक निदेशक हैं। विभाग को 6 संभागों में बांटा  गया है। विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय, अजमेर, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर, कोटा व जयपुर में हैं। विभाग में वित्‍तीय सलाहकार/मुख्य लेखाधिकारी व डी.एल.आर. का भी पद है।

 

मुख्य विभाग की निम्न शाखायें है:-

 

1  स्थापना शाखा

 

विभाग में लगभग 4 हजार शैक्षणिक अधिकारी और 3500 अशैक्षणिक कर्मचारी कार्यरत हैं। स्थापना या प्रशासनिक शाखा इनसे सम्बन्धित कार्य सम्पादित करती है।

1  राजकीय महाविद्यालयों के कार्मिको से सम्बन्धित पदस्थापन स्थानान्तरण, पदोन्नति का कार्य ।

2  राजकीय महाविद्यालय में विभिन्न पदों पर नई भर्ती

3  कार्मिकों सम्बन्धित सूचना का संधारण

4  पदस्थापन सम्बन्धी सूचनाएं

5  वेतनमान /स्थिरीकरण इत्यादि

6  व्याख्याताओं /अन्य कार्मिकों की वरिष्ठता का निर्धारण

7  डी पी सी के लिए सेवा सम्बन्धी सूचनाएं तैयार करना

8  कार्मिकों के विरुद्ध जॉच ।

2    योजना एवं समन्वय शाखा

 

योजना शाखा विभिन्न महाविद्यालयों एवं आयुक्तालय के मध्य योजनाओं के समन्वय व मानिटरिंग कार्य करती है। राजकीय महाविद्यालयों के आयोजना मद से सम्बन्धी विभिन्न कार्य जैसे नए महाविद्यालय खोलने, नवीन विषय या संकाय प्रारम्भ करने, महाविद्यालयों को क्रमोन्नत करने, पद स्वीकृति करवाने आदि का कार्य इस शाखा द्वारा किया जाता है।

शाखा के मुख्य कार्य निम्नानुसार हैः-

1  नये महाविद्यालय, नये वर्ग, नये संकाय व विषयों को महाविद्यालय स्तर पर खोलने के प्रस्तावों का निस्‍तारण 

2  भवन निर्माण, छात्रावास निर्माण व मरम्मत सम्बन्धी प्रस्तावों का निस्‍तारण 

3  छात्रनिधि कोष की मोनिटरिंग का कार्य

4  मुख्यमंत्री की विभाग से सम्बन्धी घोषणाओं के क्रियान्वयन को सुनिश्चित करना । 

5  बजट योजनओं के प्रस्ताव (प्लान व नॉन प्लान) बनाना और प्लान बजट की मोनिटरिंग का कार्य

6  विश्वविद्यालय अनुदान आयोग व महाविद्यालयों के मध्य समन्वयन का कार्य

7  महाविद्यालय के राष्ट्रीय प्रत्यायन एवं आकलन परिषद, बैंगलोर द्वारा प्रत्यायन व मूल्यांकन सम्बन्धी कार्योंकी मोनिटरिंग

8  आंकडे एकत्रित करने का कार्यः विभाग की सांख्यिकी शाखा द्वारा राजकीय व निजी महाविद्यालयों के नामांकन, संरचनात्मक सुविधाओं, शिक्षकों व कर्मचारियों की संख्या इत्यादि की सूचनाएँ एकत्रित व संकलित करने का कार्य किया जाता है। उपरोक्त सूचनाएँ पुस्तिका के रूप में महाविद्यालय से मंगवाई जाकर डास  साफ्टवेयर में संकलित की जाती हैं। निदेशालय स्तर पर संकलित सूचनाएँ विभाग, राज्य सरकार, केन्द्र सरकार व मानव संसाधन मन्त्रालय द्वारा नीति एवं योजना निर्माण में काम ली जाती हैं।

3 अकादमिक शाखा

 

अकादमिक शाखा द्वारा निम्नांकित कार्य किये जाते हैं

 

1        विद्यार्थियों के लिए प्रवेश नीति का निर्धारण व इसकी क्रियान्विति

2        पुनश्चर्या व उन्मुखीकरण कार्यक्रमों में राजकीय महाविद्यालयों के व्याख्याताओं को नामांकित करना,

3    राजकीय महाविद्यालयों को सेमिनार, सिम्पोजियम कार्यशालाएं, कान्फ्रेन्स व अन्य प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति प्रदान करना तथा इनमें प्रतिभागिता हेतु अनुमति प्रदान करना

4        छात्रसंघ चुनाव, छात्रावास प्रवेश, राष्ट्रीय सेवा योजना व एन.सी.सी.खेलकूद एवं अन्य सहशैक्षणिक गतिविधियों से सम्बघित कार्य

5        राजकीय महाविद्यालयों में विश्वविद्यालय परीक्षाओं के सुचारु एवं सफल आयोजन की मोनिटरिंग का कार्य

6        राजकीय महाविद्यालयों में प्राथमिक कम्प्यूटर शिक्षा का प्रबन्धन

7        विद्यार्थियों को दी जाने वाली विदेशी छात्रवृत्तियों हेतु प्रस्ताव अग्रेषित करना ।

8       महाविद्यालय में टर्मिनल टेस्ट की मोनिटरिंग का कार्य

4 विधि शाखा

 

विधि शाखा द्वारा विभाग से सम्बन्धित उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय, सिविल न्यायालय, जिला न्यायालय, सेशन न्यायालय व ट्रिब्यूनल के समस्त विधि प्रकरणों को रिकार्ड संधारित किया जाता है।

इन प्रकरणों से सम्बन्धित समस्त सूचनाएँ, यथा न्यायालयवार विवरण, प्रभारीवार विवरण, निर्णय, अवमानना प्रकरण, इत्यादि, इस शाखा द्वारा संधारित की जाती हैं।

5  लेखाशाखा

 

1      लेखाशाखा का मुख्य कार्य राजकीय अनुदानित महाविद्यालयों व कार्यालय को बजट आवंटन करना व इसकी मोनिटरिंग करने का है।

2      इस शाखा द्वारा राजकीय/अनुदानित महाविद्यालय व सम्बन्धित कार्यालयों के व्यय की मासिक मोनिटरिंग की जाती है।

3      शाखा द्वारा प्लान एवं नॉन प्लान बजट की वित्तीय रिपोर्ट मासिक/त्रैमासिक/वार्षिक रूप से तैयार की जाती है। मुख्य कार्यालय के वेतन ब्योरे सम्बन्धी कार्य भी शाखा द्वारा किया जाता है।

4      समस्त राजकीय महाविद्यालयों व अनुदानित महाविद्यालयों के वेतन स्थिरीकरण की जांच व अनुमोदन का कार्य ।  

5      पेंशन प्रकरणों की मानिटरिंग, चोरी, गबन, राजकीय धन के दुरुपयोग व अन्य वित्तीय अनियमितताओं की विशेष ऑडिट।

6      समस्त राजकीय महाविद्यालयों, अनुदानित महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों, एन. एस. एस. के खर्च व व्यय के मिलान का कार्य ।

7   नियम एवं वित्तीय प्रावधानों पर टिप्पणी, आन्तरिक ऑडिट रिपोर्ट की क्रियान्विति, ड्राफ्ट पैराज, तथ्यात्मक रिपोर्ट पी.ए.सी. अनुशंसा व ए.जी. रिपोर्ट, की अनुपालना व मानिटरिंग।

8   छात्रवृत्ति योजनाओं का क्रियान्वयन।

9   विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा जारी राशि के उपयोग व अंकेक्षण करना तथा उपयोगिता प्रमाण पत्र जारी करना । 

6 कार्मिक शाखा 

 

कार्मिक शाखा द्वारा प्राचार्य, उपाचार्य, अराजपत्रित कर्मचारियों की डी.पी.सी./वरिष्ठता/स्‍क्रीनिंग, वार्षिक मूल्यांकन प्रतिवेदन के संकलन का कार्य किया जाता है।

7 अनुदान शाखा

 

अनुदान शाखा के निम्न कार्य हैं:-

1     नये महाविद्यालयों के लिए प्राप्त आवेदन प्रपत्रों की जांच व उनको स्थाई अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करना । 

2     निजी महाविद्यालयों से प्राप्त का स्थाई अनापत्ति प्रमाणपत्रों हेतु आवेदन की जांच व स्थाई अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करना

3     समस्त अनुदानित महाविद्यालयों से सम्बन्धित कार्य

Last reviewed  and updated on 2-3-2013