Achievements of Department of College Education
उच्च शिक्षा विभाग
की
महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ
नीतिगत निर्णय
1
राज्य में उच्च गुणवत्ता के विद्यालयों,
महाविद्यालयों,
विश्वविद्यालयों,
तकनीकी संस्थानों एवं शोध संस्थानों की स्थापना में निजी
क्षेत्रों की भूमिका का विस्तार तथा तदनुरूप सरकारी सुविधायें उपलब्ध कराने के
लिए निजी क्षेत्र में विश्वविद्यालयों की स्थापना हेतु दिशा-निर्देश जारी कर 28
निजी विश्वविद्यालय स्थापित कर दिये गये हैं तथा 34 निजी विश्वविद्यालयों के
आशय पत्र जारी किये जा चुके हैं।
2
उपखण्ड स्तरीय सभी महाविद्यालयों में वाणिज्य एवं विज्ञान संकाय
प्रारम्भ करने हेतु वर्ष 2009-10 में 11 महाविद्यालयों में विज्ञान एवं 3
महाविद्यालयों में वाणिज्य संकाय प्रारम्भ किये गये तथा वर्ष 2010-11 में 13
राजकीय महाविद्यालयों में विज्ञान संकाय एवं 6 राजकीय महाविद्यालयें में
वाणिज्य संकाय प्रारम्भ किये गये।
3
वर्ष 2010-11 में 351 निजी महाविद्यालयों को अनापत्ति पत्र जारी
किये गये हैं।
4
प्रदेश के 127 राजकीय महाविद्यालयों में 125 युवा विकास केन्द्र
स्थापित किये जा चुके हैं तथा स्थानीय स्तर पर निजी क्षेत्र एवं उद्योग
क्षेत्र की भागीदारी कोर्स डिजाइन
रोजगार दिलाने में सहायता हेतु सुनिश्चित की जा रही है।
5
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं
के प्रशिक्षण हेतु जिला स्तर पर महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों द्वारा
प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रशिक्षण हेतु निःशुल्क व्यवस्था अंतर्गत जिला स्तर पर
राजकीय महाविद्यालयो में पी.एम.टी.,
पी.ई.टी.
तथा सिविल सर्विस प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के लिए
प्रशिक्षण व्यवस्था सभी वर्गो के अभ्यर्थियो हेतु सत्र 2010-11 में एस.एफ.एस.
के अन्तर्गत जिला स्तर एवं उपखण्ड स्तर के 32 महाविद्यालयों में प्रारम्भ करने
के निर्देश जारी किये जा चुके हैं।
6
राज्य सरकार द्वारा वर्ष 1997 में लागू किये गये आरक्षण
सम्बन्धी पाइन्टर रोस्टर व दिशा-निर्देशों को सभी विश्वविद्यालयों में लागू
किया गया है। सभी विश्वविद्यालयों में 1997 के बाद रिक्त हुए पदों को भरने हेतु
जारी की गई अनुमति में आरक्षण प्रावधानों का पूर्ण पालन करने तथा बैकलॉग का
ध्यान रखने हेतु निर्देशित किया गया है। राजकीय महाविद्यालयों के व्याख्याताओं
के रिक्त पदों को बैकलोग को ध्यान में रख कर भरने के क्रम में राजस्थान लोक
सेवा आयोग को दिनांक 11.08.09 को 457 व्याख्याताओं के रिक्त पदों को भरने हेतु
अर्थना भिजवाई जा चुकी है जिसमें से 115 पद अनुसूचित जाति एवं 129 पद अनुसूचित
जन जाति के लिए सम्मिलित हैं तथा आयोग द्वारा रिक्तियों के संबंध में विज्ञप्ति
जारी की जा चुकी है ।
7
विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालय शिक्षकों के नये पुनरीक्षित
वेतनमानों के संबंध में चढ्ढा समिति की सिफारिशों का मानव संसाधन मंत्रालय,
भारत सरकार के निर्णय के अनुरूप प्रदेश में क्रियान्वयन हेतु
आवश्यक निर्देश जारी कर दिये गये है। पदनाम परिवर्तन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन
है।
8
सत्र् 2009-10 से मूक-बधिर छात्रों को महाविद्यालय में शिक्षा
प्राप्त करने के उद्देश्य से प्रवेश हेतु आवश्यकतानुसार अतिरिक्त सीटों का
प्रावधान किया गया है। उपलब्ध स्थानों में से 3 प्रतिशत स्थान विकलांग
अभ्यर्थियों हेतु आरक्षित किये गये। विकलांग अभ्यर्थियों को प्रवेश में अधिकतम
आयु सीमा में 5 वर्ष छूट प्रदान की गई।
9
भारत सरकार द्वारा केन्द्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना किशनगढ़
(अजमेर) में की जा रही है।
10
छात्रसंघ चुनाव- सत्र 2010-11 से लिंगदोह समिति की अनुशंसा के
अनुसार छात्रसंघ चुनाव 25 अगस्त
2010 को सत्र 2010-11 तथा सत्र 2011-12 में 21 अगस्त
2011 सम्पन्न कराये गए।
उल्लेखनीय उपलब्धियां
1
उच्च शिक्षा की पहुंच को बढ़ाने के लिए छात्रों के प्रवेश
सम्बन्धी अधिक आवेदन पत्र प्राप्त होने के फलस्वरूप सत्र 2009-10 में राजकीय
महाविद्यालयों में विज्ञान विषय में 4
वाणिज्य विषय में 19 तथा कला विषय में 53 कुल 76 नवीन सैक्सन
स्वीकृत किये गये। कला व वाणिज्य में प्रत्येक वर्ग में 80 से 100 व विज्ञान
में 70 से 90 सीटें की गयीं जिससे लगभग 6 हजार विद्यार्थी लाभन्वित हुए। सत्र
2010-11 में नवीन 97 वर्ग आवंटित किये गये । इससे लगभग 25 हजार छात्रों को उच्च
शिक्षा क्षेत्र में लाभान्वित किया गया।
2
सत्र 2011-12 में राजकीय महाविद्यालयों में 291 अतिरिक्त वर्गों
का आवंटन किया गया जिससे कुल 22750 विद्यार्थी लाभान्वित हुए।
3
वर्ष 2009-10 में राजकीय महाविद्यालयों में 10 स्नातक स्तर पर
एवं 9 स्नातकोत्तर स्तर पर नवीन विषय प्रारम्भ किये गये तथा 11 राजकीय
महाविद्यालयों में विज्ञान संकाय एवं 03 महाविद्यालयों में वाणिज्य संकाय
प्रारम्भ किये गये।
4
वर्ष 2010-11 में राजकीय महाविद्यालयों में 10 नवीन विषय स्नातक
स्तर पर एव 9 नवीन विषय स्नातकोतर स्तर पर तथा वर्ष 2010-11 में 13 राजकीय
महाविद्यालयो में विज्ञान संकाय एवं 6 राजकीय महाविद्यालयो में वाणिज्य संकाय
प्रारम्भ करने की स्वीकृति जारी की गई है।
5
वर्ष 2010-11 में राजकीय महिला महाविद्यालय,
जैसलमेर को राजनीति शास्त्र विषय में स्नातक स्तर से
स्नातकोत्तर स्तर पर क्रमोन्नत किया गया।
6
देवनारायण योजनान्तर्गत विशेष पिछडा वर्ग के लिए नादौती,
जिला करौली में राजकीय महाविद्यालय तथा बयाना जिला भरतपुर में
राजकीय महिला महाविद्यालय एवं महिला छात्रावास प्रारम्भ करने की स्वीकृति
प्रदान की गई । देवनारायण योजनान्तर्गत विशेष पिछडा वर्ग के लिए प्रारम्भ करने
की स्वीकृति प्रदान की गई ।
7
मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय
उदयपुर में मोहन लाल सुखाडिया सेन्टर फॉर ई-गवर्नेन्स चेयर की
स्थापना की गई।
8
राजस्थान विश्वविद्यालय,
जयपुर में सेन्टर फॉर म्यूजियोलोजी में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम
के संचालन हेतु वित्तीय स्वीकृति दी गई।
9
स्नातक स्तरीय तीन महाविद्यालयों को स्नातकोत्तर स्तर पर
क्रमोन्नत किया गया।
10
राजकीय महाविद्यालयों में वर्ष 2009-10 में के विज्ञान,
कला व गृह विज्ञान संकायों में प्रयोगशाला को आधुनिक उपकरणों से
सुसज्जित करने हेतु 4.00 करोड़ रु आंवटित किये गए हैं एवं वर्ष 2010-11 में नवीन
उपकरण क्रय करने हेतु 4.00 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृति की गई।
11
आठ विधि राजकीय महाविद्यालयों के भवन निर्माण हेतु 6.00 करोड की
राषि आवंटित की गई ।
12
व्याख्याताओं के वार्षिक कार्य मूल्यांकन हेतु वस्तुनिष्ठ
मापदण्डों पर आधारित प्रारूप विकसित कर लागू किया गया।
13
वर्ष 2010-11 में राजकीय महावि़द्यालयों के भवन पुनउर्द्धार
करवाने हेतु राज्य सरकार ने 5.00 करोड़ की राशि स्वीकृत की है। उक्त राशि उन
महाविद्यालयों को ही दी जावेगी जो महाविद्यालय विकास समिति से 50 प्रतिशत राशि
व्यय करेंगे।
14
सत्र 2011-12 में कन्या महाविद्यालय,
सवाईमाधोपुर के भवन निर्माण हेतु विभाग द्वारा 200.00 लाख रूपये
की राशि सार्वजनिक निर्माण विभाग को निर्माण कार्य प्रारम्भ करने हेतु
स्थानान्तरित की गई।
15
राजस्थान स्वेच्छया ग्रामीण शिक्षा सेवा नियम,
2010 के अन्तर्गत वर्ष 2011-12 में अनुदानित महाविद्यालयों में
कार्यरत लगभग 750 व्याख्याताओं/ पीटीआई/पुस्तकालयाध्यक्षों को विभिन्न राजकीय
महाविद्यालयों में पद स्थापित किया गया।
16
Aspiring Minds
एवं
BLIS english
जैसी
Career Development Agency
के साथ समन्वय कर प्रतिवर्ष 5000 विद्यार्थियों को प्रशिक्षित
एवं उद्योग क्षेत्र में उनके नियोजन का लक्ष्य रखा गया है।
17
वर्ष 2009-10 में बी.पी.एल. परिवार की छात्राऐं जिन्होंने सत्र
2007-08 में स्नातक स्तर की परीक्षा पूर्ण की गई,
उनको 5 हजार रु की राशि पुरस्कार के रूप में वितरित कर 236
छात्राओं को लाभान्वित किया गया।
18
स्नातकोत्तर प्राचार्य 1,
उपाचार्य 2,
242 व्याख्याता तथा 156 अशैक्षणिक पदों का सृजन किया जाकर 109
पदों पर नियमित एवं 224 पदों पर संविदा पर नियुक्तियॉं प्रदान की गई। इनके
अलावा 52 पदों पर मृतक आश्रितों को नियुक्ति दी गई ।
19
उच्च क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने हेतु राज्य सरकार
संवेदनशील है। विभाग की विभिन्न योजनाओं में महिलाओं को उच्च शिक्षा के लिये
प्रेरित करने हेतु विभिन्न योजनाएँ संचालित की गई है,
जिनके परिणामस्वरूप उच्च शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं की
भागीदारी निरन्तर बढ़ रही है। राजकीय महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्राओं से
स्नातक से स्नातकोत्तर स्तर पर कोई ट्यूशन फीस नहीं ली जाती है।
20
राजस्थान में उच्च शिक्षा के तीव्र गति से हुए प्रसार के
फलस्वरूप प्रदेश में कुल 1422 महाविद्यालय हैं जिनमें से 127 राजकीय
महाविद्यालय,
15 राजकीय विधि महाविद्यालय,
70 अनुदानित महाविद्यालय,
1198 निजी महाविद्यालय,
9 स्ववित्तपोषी संस्थाएँ तथा 3 राजकीय व निजी सहभागिता से
स्थापित महाविद्यालय हैं। इन संस्थाओं से वर्ष 2011-12 में लगभग 5.09 लाख
छात्र-छात्राएँ लाभान्वित हो रहे हैं तथा विश्वविद्यालयों,
उनके सम्बद्धक महाविद्यालयों एवं स्वयंपाठी विद्यार्थियों के
नामांकन सहित लगभग 10 लाख विद्यार्थी उच्च शिक्षा से लाभान्वित हो रहे हैं।
21
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम,
1956 के सेक्शन 2(एफ) व 12(बी) के अन्तर्गत राज्य के 95 राजकीय
महाविद्यालय पंजीकृत हैं। इन राजकीय महाविद्यालयों में से 92 राजकीय
महाविद्यालयों को 11वीं पंचवर्षीय योजना के अन्तर्गत विश्वविद्यालय अनुदान
आयोग से विभिन्न योजनाओं में अब तक 41.00 करोड़ रुपये की राशि अनुदान के रूप में
प्राप्त हो चुकी है। इस राशि का उपयोग पुस्तक व उपकरणों के क्रय तथा भवन
निर्माण व नवीनीकरण आदि के लिए किया जा रहा है।
22
Faculty Development programme
में 225 व्याख्याताओं को यू.जी.सी. द्वारा टी.आर.एफ. अवार्ड की
गई तथा यू.जी.सी. नई दिल्ली द्वारा 11 व्याख्याताओं को पोस्ट डाक्टर्स रिसर्च
अवार्ड की गई तथा 330 माइनर रिसर्च प्रोजेक्ट अवार्ड किये गये।
23
विशेष पिछडे़ वर्ग की छात्राओं के लिए देव नारायण छात्रा स्कूटी
वितरण एवं प्रोत्साहन राशि योजना वर्ष 2011-12 से प्रारम्भ की गई। योजना में
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान,
अजमेर/केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित 12वीं
कक्षा परीक्षा में न्यूनतम 50 प्रतिशत से उत्तीर्ण होकर राजकीय महाविद्यालयों
में स्नातक प्रथम वर्ष में अध्ययन हेतु प्रवेश लेने वाली उच्चतम अंक प्राप्त
प्रथम 500 छात्राओं को निःशुल्क स्कूटी वितरण करने का प्रावधान है। वर्ष
2011-12 के लिए योजनान्तर्गत निर्धारित अन्तिम तिथि तक 562 आवेदन प्राप्त हुए।
योग्य पाई गईं 505 छात्राओं में से उच्चतम अंक प्राप्त प्रथम 500 छात्राओं को
वितरण हेतु स्वीकृति प्रदान की गई। दिनांक 23 फरवरी 2012 को माननीय मुख्य
मंत्री महोदय द्वारा योजना के तहत सवाईमाधोपुर में 9 स्कूटियों का वितरण कर
वितरण योजना का शुभारम्भ किया गया।
24
राजकीय महाविद्यालयों में अध्ययनरत विशेष पिछड़ा वर्ग की
छात्राओं द्वारा स्नातक प्रथम वर्ष,
द्वितीय वर्ष,
तृतीय वर्ष और स्नातकोत्तर पूर्वार्द्ध परीक्षा में न्यूनतम 60
प्रतिशत प्राप्तांक से उत्तीर्ण होकर आगामी कक्षा में अध्ययनरत रहने पर स्नातक
द्वितीय व तृतीय वर्ष में रुपए दस-दस हजार वार्षिक तथा स्नातकोत्तर पूर्वार्द्ध
एवं उत्तरार्द्ध में बीस-बीस हजार वार्षिक प्रोत्साहन राशि का प्रावधान किया
गया। देव नारायण छात्रा स्कूटी वितरण एवं प्रोत्साहन राशि योजना हेतु कुल तीन
करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है।